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1 Feb 2024 · 1 min read

जियो जी भर

छोटी सी जिंदगी
सबक बहुत बड़ा
रिश्ता रखो सबसे
उम्मीद किसी से नही।

उम्मीद रखनी है
तो रखो खुदा से
इंसान बदले कब
कि भरोसा नही

रोता है रोने दो
अपना क्या जाता है
कोई हंस रहा है
वो खुश कैसे हो रहा ?

अंधेरा गहन है क्या
तो रोता क्यों है
सूर्योदय प्रमाण
उजाला होना ही है।

पर्वत ऊंचा नही
किसी आत्मविश्वास से
पैरों के तले होगा
जब चोटी पे पहुंचेगे।

बीत गई जिंदगी
कि ढूंढना क्या है
मालूम नही ये कि
जो हासिल है
उसे करना क्या है

पिंजरा तो पिंजरा
लोहा हो या सोना
फैला पंख तोड़ बंध
जो होना सो होना

संघर्ष है आमंत्रण
स्वीकारो आगे बढो
कमाओ नाम जग मे
जागो अब कुछ करो

स्वरचित
सर्वाधिकार सुरक्षित
@ अश्वनी कुमार जायसवाल

प्रकाशित

Language: Hindi
77 Views
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