Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jan 2017 · 1 min read

जियो जी भर के,..

हां!!!!

मुझे बहुत खुशी होती
जब कोई ये कहता
मेरी बेटी मेरा ही प्रतिरूप है

मैं भी देना चाहती थी
ये दुआ अपनी लाडली को
मेरी तरह ही वह भी जिए

पर नही दे पाई ये दुआ
क्यूंकि आज मेरी खुशहाली के पीछे
छुपे है जाने कितने मर्म,

कितने समझौते,कितने बंधन,
कितने बलिदान,कितने क्रंदन,
कितनी दहशत,कितनी बेबसी,

कितने ही टूटे हुए सपनों की चुभन,
कितने ही कुचले गए अरमानों का दर्द,
मुसकान की आड़ में कितने ही आंसू,

मैं नही चाहती तुम जियो मेरी तरह,
या मेरी तरह इस समाज में जी रही
दूसरी स्त्रियों की तरह,..दिखावे की खुशी,..

जाओ,…

जी लो जिंदगी,…पूरे करो सपनें,
सजा लो अपने अरमानों की दुनिया,..
बिना डरे,बिना हिचके,बिना रूके,

बिना बलिदान और समझौते किए,
पा लो अपनी मंजिल और सारे अधिकार,
वहशियत के इस दौर में दहशत को जीत लो,..

मत भूलो की नारी ही समाज का आधार है,
मैं नही कहूंगी मत करना सीमाओं हनन,…
क्यूंकि जानती हूं तुममें मेरे ही संस्कार है,..

जियो जी भर के,..
मेरी लाडली,..ये जिंदगी तुम्हारी है
यही मेरा आशीष तुम्हे हर पल हर बार है…..प्रीति सुराना

1 Like · 2 Comments · 681 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बताती जा रही आंखें
बताती जा रही आंखें
surenderpal vaidya
गुम है
गुम है
Punam Pande
शोख लड़की
शोख लड़की
Ghanshyam Poddar
टुकड़े -टुकड़े हो गए,
टुकड़े -टुकड़े हो गए,
sushil sarna
చివరికి మిగిలింది శూన్యమే
చివరికి మిగిలింది శూన్యమే
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
4503.*पूर्णिका*
4503.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*खत आखरी उसका जलाना पड़ा मुझे*
*खत आखरी उसका जलाना पड़ा मुझे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
लाभ की इच्छा से ही लोभ का जन्म होता है।
लाभ की इच्छा से ही लोभ का जन्म होता है।
Rj Anand Prajapati
मासुमियत - बेटी हूँ मैं।
मासुमियत - बेटी हूँ मैं।
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
हँसी!
हँसी!
कविता झा ‘गीत’
यह कैसा है धर्म युद्ध है केशव
यह कैसा है धर्म युद्ध है केशव
VINOD CHAUHAN
लोग बंदर
लोग बंदर
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
लोग कहते हैं कि प्यार अँधा होता है।
लोग कहते हैं कि प्यार अँधा होता है।
आनंद प्रवीण
दोहा .....
दोहा .....
Neelofar Khan
अछूत
अछूत
Lovi Mishra
नमन उस वीर को शत-शत...
नमन उस वीर को शत-शत...
डॉ.सीमा अग्रवाल
ज्ञान तो बहुत लिखा है किताबों में
ज्ञान तो बहुत लिखा है किताबों में
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
समस्त देशवाशियो को बाबा गुरु घासीदास जी की जन्म जयंती की हार
समस्त देशवाशियो को बाबा गुरु घासीदास जी की जन्म जयंती की हार
Ranjeet kumar patre
हर शेर हर ग़ज़ल पे है ऐसी छाप तेरी - संदीप ठाकुर
हर शेर हर ग़ज़ल पे है ऐसी छाप तेरी - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
नमस्कार मित्रो !
नमस्कार मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
विजय - पर्व संकल्प
विजय - पर्व संकल्प
Shyam Sundar Subramanian
जिसके हृदय में जीवों के प्रति दया है,
जिसके हृदय में जीवों के प्रति दया है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
" कोपर "
Dr. Kishan tandon kranti
इंद्रधनुषी प्रेम
इंद्रधनुषी प्रेम
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
*📌 पिन सारे कागज़ को*
*📌 पिन सारे कागज़ को*
Santosh Shrivastava
तेवरी में रागात्मक विस्तार +रमेशराज
तेवरी में रागात्मक विस्तार +रमेशराज
कवि रमेशराज
" आज़ का आदमी "
Chunnu Lal Gupta
"जुदा ही ना होते"
Ajit Kumar "Karn"
"जो इंसान कहलाने लायक नहीं,
पूर्वार्थ
#चिंतन-
#चिंतन-
*प्रणय*
Loading...