जिये जो शान से
जिये जो शान से हम जिन्दगी वो जिन्दगानी है वही तो इस जमाने में सदा ही स्वभिमानी है
पंछी दम तोड़ देते है जहाँ पर छोड़ कर उड़ना
हमेशा ही न चाहों का यहाँ पर आसमानी है
बचाकर जो रखे इज्जत सदा ही गैर से अपनी कहा जाये यहाँ सच्चा वही तो खानदानी है