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19 Aug 2021 · 1 min read

जिन्दगी

जिन्दगी भर को तुझे अपना बनाते है
जिन्दगी की शाम को हर पल लुभाते है

प्यार की राहें चलें मिल छोड़ नफरत को
भूल जो हमने कभी की अब भुलाते है

गलतियों को रोज ऐसे फिर न तुम देखों
जिन्दगी में रंग सारे हम सजाते है

अब मुहब्बत फल रही दिल में युगों से है
फासलें जो साथ तेरे थे मिटाते है

नाव जैसी जिन्दगी है पार जाऊं मैं
राह चलते लोग क्यों ऐसे फसाते है

दिल खिलोना वो बना कर खेलता है क्यों
वो समझ हमकों पतंगा सा जलाते है

ढूढ़ते भगवान को हर धाम मिल हम सब
छोड़ दिल को क्यों उसे मठ में बसाते है

पास छुप छुप के हमारे वो चले आते
प्यार के दो बोल पर वो दिल लुटाते है

मैं बनी ऐसे पिया के मुँह की मुरली
जो बना के आँख का काजल रिझाते है

माँगले तुमको खुदा से मधु गवा खुद को
दर्द दे वो आज क्यों हमको डराते है

Language: Hindi
76 Likes · 1 Comment · 325 Views
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