जिन्दगी
नहीं हमें फुर्सत मिली, आया न तुझे ख्याल।
गुजर गई जब जिन्दगी,करते रहें मलाल ।।
साया बनकर थे कभी,जले धूप में साथ-
दिले तमन्ना तोड़ कर,हैं दोनों बेहाल।।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली
नहीं हमें फुर्सत मिली, आया न तुझे ख्याल।
गुजर गई जब जिन्दगी,करते रहें मलाल ।।
साया बनकर थे कभी,जले धूप में साथ-
दिले तमन्ना तोड़ कर,हैं दोनों बेहाल।।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली