*जिन्दगी न मिलेगी दोबारा*
सब जानते हैं कि
जिन्दगी नहीं मिलेगी
दोबारा
क्यूं न सब हम
हंस बोल के
गुजार ले..
दोस्तों दोस्ती करो
ऐसी जैसी
की थी सुदामा ने
प्रतिज्ञा करो ऐसी
जैसी की थी
भीष्म पिता ने
एक आज्ञा को मानकर
घर छोड़ दिया श्रीराम ने
दुनिया में बस औरत
कोई न हो कैकई जैसी
जिस ने बर्बाद किया
घर के सारे माहोल को !!
माँ बाप की आज्ञा का
पालन करते हुए
जान न्योछावर
कर दी श्रवण कुमार ने
एक नारी ऐसी भी थी
जिस ने लोक लाज
की खातिर पुत्र को
फेंक दिया जल में !!
सबक कुछ तो लो दुनिया वालो
जो हुआ अच्छा, तो अपना लो
बुरा था उसको तो दिमाग से हटा दो
“अजीत” इस संसार को सही तरीके
से बस अब तो चला लो ??
अजीत तलवार
मेरठ