जिन्दगी देने वाले से
जिन्दगी देने वाले से ही
उसकी जिन्दगी छीनते हो
उससे मोलभाव करते हो
एक एक पैसे का हिसाब रखते हो
उसका सब खजाना तुम्हारा
एक वह ही तुम्हारा नहीं
उसी का सब दिया
उसी पर खर्च न करके
उसी के हाथों से झपटते हो
यह सोच आई तो आई कहां से
कोई कुछ समझाये तो
किसी एक की नहीं सुनते हो
समझते हो खुद को बहुत ही
समझदार
इस भौतिकतावाद की दौड़ में
शामिल होकर
पर यह सब मिट्टी स्वरूप पाने के लिए
तुम बहुत कुछ बेशकीमती
हीरे जवाहरात
जाने अंजाने पीछे छोड़ते हो।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001