जिन्दगी और सपने
जिन्दगी एक सपने पर
कहाँ टिक कर रह पाती है
एक अगर टूट भी जाए
फिर से दूसरा तीसरा न जाने
कितने सपनो को बुनकर
ले आती है
इसकी खूबसूरती तो देखो
यह इंसान को बुरे- बुरे हाल
मे भी टूटने नही देती है
दिखाकर सपना फिर दूसरा
वह इंसान को फिर से काम मे
लगा देती है।
~अनामिका