जिन्दगी एक स्लेट
काश ज़िन्दगी भी एक सेलेट होती
काश ज़िन्दगी भी एक सेलेट होती
जब चाह्ती लिखा हुआ पोछ्ती
और नया लिख लेती
चलो ज़िन्दगी ना सही
मन ही सेलेट होता
पोछ सकती , मिटा सकती
उन जज्बातो को
जो पुराने हो गये हें
पर ज़िन्दगी की चाक तो
भगवान के पास है
और मन पर पणी लकीरं हों
या सेलेट पर पणी खुंरसटे हों
धोने या पोछने से
नहीं हट्ती नहीं मिटती
पूरानी पर गयी सेलेट को
बदलना पणता है
विवश मन को
भुलाना होता है
कपिल जैन