जिनसे जिंदा हो,उनको कतल न करो
अब दिखने लगा है, मेरी हिमाकतों का असर।
पर्यावरण को मिटाने का हस्र!!!
ऐसे चलता रहा तो न होगी वसर।।
मौसम बदलने लगे,आ रहे ज़लज़ले
गर्मीयों में धड़ाधड़ ओले पड़े।
सूखा अतिवर्षा चल रहीं आंधियां
ख़तरे की निश्चय ही चेतावनियां।।
बस करो,बस करो, अब बस करो
जिनसे जिंदा हो,उनको कतल मत करो।