Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Feb 2022 · 1 min read

जिनके कारण बसन्त यह आया (गीत)

जिनके कारण बसन्त यह आया (गीत)
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
(1)
हमें बसन्ती मौसम की मदमाती गन्ध लुभाती
हमें नशे में घुली हवा है मस्ती में भर जाती
हमें कूक कोयल की, गेंदे की सुन्दरता भाती
हमें पता है रात चाँदनी ,खुशबू भर-भर लाती
हमें जानना मगर जरूरी, सूरज क्यों मुस्काया
याद करो उनको, जिनके कारण बसन्त यह आया

(2)

जैसे झरे पेड़ से पत्ते जान सहर्ष गँवाते
वे बर्फीली चोटी पर अपना कर्तव्य निभाते
उनके लिए शहारत ही वीरों का धर्म कहाते
उनके लिए देश की सीमा घर-आँगन बन जाते
जहाँ हड्डियाँ गलने लगतीं ,ध्वज-भारत फहराया
याद करो उनको, जिनके कारण बसन्त यह आया

(3)

जो जिन्दा हो गए दफन ,बर्फीले तूफानों में
लगी आग जिनके परिवारों-घर के अरमानों में
पड़ने बसन्त के गीत नहीं जो देते थे कानों में
चले लिखाने नाम देश के गौरव-बलिदानों में
बड़े कीमती रत्नों को अपनों से दूर गँवाया
याद करो उनको,जिनके कारण बसन्त यह आया

(4)

इस बसन्त की कीमत तरुणाई दे गई चुकाई
इस बसन्त की कीमत विधवाओं की करूण रुलाई
इस बसन्त की कीमत बेटों से जो हुई विदाई
इस बसन्त की कीमत घर से है छह माह जुदाई
डेढ़ वर्ष का बच्चा है, यह जो अनाथ कहलाया
याद करो उनको, जिनके कारण बसन्त यह आया
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
रचयिता :रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

191 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
भरोसा सब पर कीजिए
भरोसा सब पर कीजिए
Ranjeet kumar patre
वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई - पुण्यतिथि - श्रृद्धासुमनांजलि
वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई - पुण्यतिथि - श्रृद्धासुमनांजलि
Shyam Sundar Subramanian
आसान कहां होती है
आसान कहां होती है
Dr fauzia Naseem shad
दिलों में है शिकायत तो, शिकायत को कहो तौबा,
दिलों में है शिकायत तो, शिकायत को कहो तौबा,
Vishal babu (vishu)
जबसे तुमसे लौ लगी, आए जगत न रास।
जबसे तुमसे लौ लगी, आए जगत न रास।
डॉ.सीमा अग्रवाल
किसी मनपसंद शख्स के लिए अपनी ज़िंदगी निसार करना भी अपनी नई ज
किसी मनपसंद शख्स के लिए अपनी ज़िंदगी निसार करना भी अपनी नई ज
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जिस प्रकार लोहे को सांचे में ढालने पर उसका  आकार बदल  जाता ह
जिस प्रकार लोहे को सांचे में ढालने पर उसका आकार बदल जाता ह
Jitendra kumar
बदनाम से
बदनाम से
विजय कुमार नामदेव
धुंध छाई उजाला अमर चाहिए।
धुंध छाई उजाला अमर चाहिए।
Rajesh Tiwari
प्रो. दलजीत कुमार बने पर्यावरण के प्रहरी
प्रो. दलजीत कुमार बने पर्यावरण के प्रहरी
Nasib Sabharwal
ଚୋରାଇ ଖାଇଲେ ମିଠା
ଚୋରାଇ ଖାଇଲେ ମିଠା
Bidyadhar Mantry
याद मीरा को रही बस श्याम की
याद मीरा को रही बस श्याम की
Monika Arora
लाल रंग मेरे खून का,तेरे वंश में बहता है
लाल रंग मेरे खून का,तेरे वंश में बहता है
Pramila sultan
आज ही का वो दिन था....
आज ही का वो दिन था....
Srishty Bansal
"मकसद"
Dr. Kishan tandon kranti
* बाल विवाह मुक्त भारत *
* बाल विवाह मुक्त भारत *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
प्रशांत सोलंकी
प्रशांत सोलंकी
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
#पैरोडी-
#पैरोडी-
*प्रणय प्रभात*
अकेले मिलना कि भले नहीं मिलना।
अकेले मिलना कि भले नहीं मिलना।
डॉ० रोहित कौशिक
थोड़ा विश्राम चाहता हू,
थोड़ा विश्राम चाहता हू,
Umender kumar
मूक संवेदना
मूक संवेदना
Buddha Prakash
फितरत
फितरत
Kanchan Khanna
बहना तू सबला बन 🙏🙏
बहना तू सबला बन 🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
आफत की बारिश
आफत की बारिश
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
लेकर तुम्हारी तस्वीर साथ चलता हूँ
लेकर तुम्हारी तस्वीर साथ चलता हूँ
VINOD CHAUHAN
*सारा हिंदुस्तान है, मोदी का परिवार (कुंडलिया)*
*सारा हिंदुस्तान है, मोदी का परिवार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
*
*"माँ महागौरी"*
Shashi kala vyas
अब छोड़ दिया है हमने तो
अब छोड़ दिया है हमने तो
gurudeenverma198
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelam Sharma
Loading...