-जिद
चलते रहना,रूकना नहीं…
वही है जीवन,
कभी चिंता, कभी चुनौती का
इम्तहान होते हरदम,
सुख-दुख का मेला भरता,
पीते भी कभी ग़म,
तमाम मुश्किलों को पार कर,
उम्मीदों का गाए सरगम,
लाख करें कोशिश पतझर
उपवन जीवित रहे अपने दम,
मंजिल की जिद यहां
गर,पाकर चैन पाएं हम।
– सीमा गुप्ता