जिद
जिद है कुछ कर दिखाने की
इक दिन सूरज सा चमक जाने की ।
सामने राह भी है, दिल में चाह भी है
कमी है तो बस थोड़ी हिम्मत जुटाने की ।
जिद है कुछ कर दिखाने की ..
कदमों मे भी होने लगी है अब हलचल सी
कोशिश है बस पहला कदम उठाने की ।
जिद है कुछ कर दिखाने की……..।
जिन्दगी इम्तेहान ले रही हर मोड़ पर,
हर पाप पुण्य का हिसाब ले रही हर छोर पर
मंजिल ना मिले जब तक अपने लक्ष्य पर अड़े रहने की ।
जिद है कुछ कर दिखाने की ……..।
समझें जो खोटा सिक्का मुझे, उनके आँखो मे इक दिन खटक जाने की ।
जिद है कुछ कर दिखाने की ,
इक दिन सूरज सा चमक जाने की ।
उम्मीद है बहुत ये जिद पूरी होगी मेरी
बजेगी मेरे जीवन की भी रणभेरी
लगे जितना वक्त चाहे हो जितनी देरी
कसर है तो कोशिश और जिद पर अड़े रहने की
जिद है कुछ कर दिखाने की
इक दिन सूरज सा चमक जाने की ।।
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