जिगर में बसा लो
******** जिगर में बस लो ********
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मुझे आप जैसा बना लो न बालम,
मुझे दिल जिगर में बसा लो न बालम।
मिरे नाम के साथ तुम नाम अपना,
हथेली बिछा कर लिखा दो न बालम।
खिले फूल तेरे सदा अंगना जब,
जरा केश में तुम सजा लो न बालम।
बिना आपके है अधूरा बदन मन,
भर्या का ओहदा तो दिखा दो न बालम।
सदा ढूँढती है निगाहें सितारे,
कभी चाँद तारे दिला दो न बालम।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)