जिंदगी___ तेरे रंग हजार
“जिंदगी” तेरे रंग हजार।
कभी तंग तो कभी बहार।।
देती सीख_
“जिंदगी” हर बार।
रखना खुद पर ऐतबार।।
जीत हमेशा,
कब रहती तैयार ।
यदा-कदा _
मिलती भी हार ।
“जिंदगी”तेरे रंग हजार।।
जिंदगी है_
जो भी दे तुझको,
सहर्ष कर उसे स्वीकार।
” जिंदगी” तेरे रंग हजार।।
रंग रहे पर भंग घुुले न।
ऐसा ही उपजे विचार।
कहता है “अनुनय”_
आप सभी से।
न बदले अपना व्यवहार।
“जिंदगी” तेरे रंग हजार।।
राजेश व्यास “अनुनय”