जिंदगी
“इक उम्र जिंदगी से मिलाती चली गई,
दामन में सख्त गिरहें लगाती चली गई,
दुनिया के रंगमंच पर अभिनय बहुत किया,
ये कोशिशें ही आस बढाती चली गई।
गिरने लगे नज़र से यूँ परदे सभी हंसी,
बचपन की मीठी यादें मिटाती चली गयी।
हर सूं रहे भटकते मुकम्मल की चाह में,
ये तपिश ख्वाहिशों को जलाती चली गई।”
#रजनी