जिंदगी
न सर को झुकाओ जरा सर उठाओ ………
मिली जिन्दगी ,जिन्दगी गुनगुनाओ …
अँधेरे से निकलो ,उजाले में आओ ……..
कदम पर है मंजिल कदम तो बढाओ ….
दिलों में भरो शक्ति ,,पस्ती को छोड़ो …
बनो आदमी ,जर परस्ती को छोड़ो ,,
कहाँ तक गिनोगे ,,किनारे से लहरे ,,,
जरा धार में अपनी कश्ती को छोड़ो .