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29 Jul 2017 · 1 min read

जिंदगी हैं एक सवाल

जिंदगी है एक सवाल,
नही पता इसका हल,
दूर से लगता कितने है खुश,
पास से दिखते है नाखुश,
उलझनाे की है ये पहेली,
नही बनती मेरी सहेली,
बहुत लंबा है इसका सफर,
चाहत है सच्चा हाे हमसफर,
क्याे आते निराशा के भाव,
कब मिटेंगे जिंदगी के ये घाव,
चाराे तरफ फैली अशांति की दलदल,
दिल मे मची बड़ी ही खलबल,
घुट घुट कर कैसा है ये जीना,
जिंदगी के हर गम काे क्याे है पीना,
खुशी के बदले कब मिलेगी वाे खुशी,
झूठी हंसी के पीछे कब आयेगी वाे हंसी,
कितना ओर बाकी है इम्तहान देना,
चलती रहेगी ये डगर कब है रूकना,
।।।जेपीएल।।।

Language: Hindi
231 Views
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