*जिंदगी में साथ जब तक, प्रिय तुम्हारा मिल रहा (हिंदी गजल)*
जिंदगी में साथ जब तक, प्रिय तुम्हारा मिल रहा (हिंदी गजल)
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1
जिंदगी में साथ जब तक, प्रिय तुम्हारा मिल रहा
लग रहा अच्छा बहुत है, पुष्प जैसे खिल रहा
2
कब मजा एसी में मिलता, जो मजा है पार्क में
जब हवा मद्धिम चली तो, पेड़ देखो हिल रहा
3
जिंदगी का सूक्ष्म-दर्शन, बस समझ आया यही
कुछ उधड़ प्रतिदिन रहा तो, रोज ही कुछ सिल रहा
4
बंद कमरों में कहॉं, सच्चाई का चलता पता
जिंदगी का बोध उसको, पॉंव जिसका छिल रहा
5
सिर्फ सैद्धांतिक विवेचन, जो सदा करते रहे
हर सफर उनके लिए ही, सर्वदा बोझिल रहा
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रचयिता:रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451