“जिंदगी के रूप”
सिर्फ जिंदा रहने का, नाम नहीं है जिंदगी
खुदा की इबादत है ,यही तो है बंदगी
खुदा ने जो रहमत बक्शी, उसका नाम है जिंदगी
ज से जन्नत अं से अंगीकृत द से दरियादिली
ग से गमगीन ,इन्हीं का मिलाजुला रूप है जिंदगी
कहते हैं नरक है ,मिथक है, यह बात
जन्नत जैसी बेतहाशा, खूबसूरत है जिंदगी
सोच ,सोच की बात है ,अपना नजरिया है जिंदगी
दरियादिली सबको, खुश कर जाती
दरियादिली का नाम है, जिंदगी
गम भी कुछ कम ना देती ,खुशियों की सौगात है जिंदगी
पथरीला टेढ़ा मेढ़ा रास्ता है,
इस रास्ते में ना रुकने का, नाम है जिंदगी
जिंदगी तो जानवर भी शान से जीते हैं,
हम इंसान होकर भी, कीड़ों स सी जीते हैं जिंदगी
हर जीव जद्दोजहद करता है जीने को,
इंसान को सिर्फ जीना है, फिर भी छीन लेता, अपनी ही जिंदगी
खुशनसीब है हम ,जो मिली हमें यह जिंदगी
सजदा करें, उस खुदा का ,जिसकी दी बख्शीश है जिंदगी।