जिंदगी के मांझी
जिंदगी के मांझी
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अपने सपनों की नाव में बैठकर,
मांझी बन अपनी मंजिल तलाश कर।
थाम कर पतवार हाथों में,
खैवनहार बन।
किनारे-किनारे चलते हैं
बातों-बातों में ।।
जिंदगी की तकदीर पलट सकती है,
संघर्ष करना सीख लो–
पल-पल मेहनत से धूप में तप कर,
मंजिल पाई है ।।
जो होते बहादुर वो न हिम्मत हारें,
जो होते कायर वो बाधाओं से हारें।
वीर,साहसी एक पल भी
धीरज ने खोते।
वो कांटों में भी हे अपना पथ बनाते।।
कभी न डरो आंधी, पानी में,
खड़े रहो अपनें पथ पर
बड़े-बड़े कठिन तूफानों में।
उसको ही मिले सफलता,
जो अटल रहे हिमालय सा जग में!!!!
अपने सपनों की नाव में बैठकर
मांझी बन अपनी मंजिल तलाश कर——–
सुषमा सिंह *उर्मि,,