जिंदगी कुछ ,मौसम सी है
जिंदगी कुछ ,मौसम सी है………
कभी मायूस ,कभी रोशन सी है…
इसका हर एक, रंग प्यारा है,…….
क्योंकि जिंदगी, एक पहेली सी है….
जीवन के सूर ताल.,..
सुर ताल , सब जानती हूं मैं ,
हर गम में ,मुस्कुरा लेती हूं मैं…
सुख-दुख सबको ,सरगम बनाकर ,
जीवन को ,गुनगुना लेती हूं मैं…..
पेड़ों पर हरे संग, सूखे पत्ते भी होंगे ,
कुछ लोग जीवन में ,रूठे भी होंगे….
जीवन का हर रंग, एक सा नहीं होता ,
हर सुर्ख रंग के साथ, कुछ र्फीके भी होंगे….
हमें रिश्तो को, संग लेकर चलाना होगा,
रिश्ता सच्चा या झूठा, हमें चुनना होगा ..
रखकर मुस्कुराहट ,झूठी होठों पर………
हर रूठे रिश्ते से, दिल से मिलना होगा होगा…
हर तपिश जीवन की, सहनी होती है ,
कुछ रखकर दिल में, कुछ कहनी होती है…
हर मौसम जीवन में ,एक सा नहीं होता ,
बरस जाती है वह बूंदें ,जिसे बरसनी होती है…
कभी रातें खुशी की , कभी दिन गम सा ,
जीवन कभी साफ दिखता, कभी भ्रम सा…
शायद यही जीवन की, रीत है जीवन में ,
फल मिलता मानव को ,उसके कर्म सा…..
दीपाली कालरा