जिंदगी की पहेली
जिंदगी की पहेली ना सुलझा सहेली, आने से जाने तक जी भर कर जी, अपने और गैरों के साथ खुशी गम मीठे शरबत सा पी।
अगर सुलझी यह जिंदगी की पहेली पता चले तू रह गई, अकेली।
क्या ऊपर है यह राज जन्मांतर का हो तेरा मेरा साथ, उलझी रहेगी यह पहेली तो जीने में मजा साथ है सहेली, जब सुलझेगी कि यह पहेली छूटेगा, साथ रह जाएगी अकेली।