जिंदगी ——– कविता
जिंदगी ——- एक संघर्ष।
जिंदगी ——– पर्श तो कभी अर्श।
जिंदगी ——- विषाद के साथ हर्ष।
जिंदगी ——– गम्भीर विमर्श।
जिंदगी ——— पतन और उत्कर्ष।
“”जिंदगी – के – मेरे – यह – पंच – निष्कर्ष।
आपके – अपने – भी – होंगे – परामर्श।
स्वीकारेगा – अनुनय – देना – सहर्ष।।
राजेश व्यास अनुनय