~*~*~*जिंदगी और हम*~*~*~
जिंदगी और हम
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“कुछ रास्ते
ढूँढें
जीने के वास्ते,
कुछ सपने
पलकों पर लिए
हँसने के वास्ते!
अजब मंजर
जिंदगी का
इत्तफाकन –
कोहरे की ओट में हमें
आईने में धुँधला शक्ल
दिखलाती है!
तंगहाल हालातों के कैन्वस पर,
तंग गलियारों के
बियाबान से होते,
बचकर वहशी से,
बड़ी तेजी से
गुजर जाती है!!”____दुर्गेश वर्मा