जिंदगी एक ख्वाब है
जिंदगी एक ख्वाब है
मगर फिर भी एक हकीकत है
मौत लाजवाल है बस
साँसों का थम जाना
मौत की वजाहत है
कौन जान पाया है
उस जहाँ में क्या होगा
इस जहाँ में जीना भी
कुछ हद तक मुसीबत है
जब नहीं थे हम इस दुनिया मे
दुनिया जब भी चलती थी
जब नहीं होगे हम
तब भी ये रहेगी यूही
फर्क़ इस को नहीं पढता
किसी के आने जाने से
इसको कोई परवाह क्या
इस की यही तबीयत है
रिश्ते नाते जो खुदा ने
यहाँ बनाये है
जाने ये हिदायत की
हो सके तो निभाओ सब
पर ये रिश्ते ही दिल के
दिल का खून करते है
दिल को चीर देते है
ये जो बेलौस होते थे
अब ये मतलबी हो गये सारे
क्या करे इस दुनिया की
ये बढ़ी ज़िलालत है
काम का जो नहीं हो
उस की कोई क्या जरूरत है
जिस से काम पढ़ता है
उस को खुदा समझते है
बाकी सारे रिश्तों को
तोड़ कर ये रखते है
आते जाते ज़माने है….
किस को किस की मुहब्बत है
देख लो इस दुनिया को
ये भी एक नसीहत है
याद तो करते है
सब खुदा खुदा करते है
पर अपने गरज के लिए
सब कुछ ये करते है
इज्जत -ए – नफस पे
ये ही वार करते है
जाने क्या होगा
रोज़े-हिसाब इनका
जब तुले जायेगे
अमाल वहाँ
तब ना जाने क्या होगा
सोचो तो नेकी अगर
कम वजन हो गयी तो
क्या होगा……
फिर ये जिंदगी वापस तो
नहीं मिलने वाली
इस जहाँ के मसले भी
अब उस जहाँ में भी क्या
हल होगे
जो कोई जैसा करता है
वैसा ही उस को मिलता है
यहाँ तो बस दूसरों को फ़जियत है
कौन जाने कब किसकी साँस
थम जाये
इस जहाँ से कोई कब
उस जहाँ में सफर कर जाये
जाने क्यूँ भूले सब
हम यहाँ मुसाफिर है
इस जहाँ से सब को
उस जहाँ में जाना है
हो सके तो अब भी
कर लो सुर्ख रू खुद को
सोचना क्या अब और
ये ही एक हक़ीक़त है
ये जहाँ नहीं हमारी मिल्कियत है …
ये तो बस खुदा की हम सब पर इनायत है….ShabinaZ