जिंदगी आंदोलन ही तो है
जिंदगी आंदोलन ही तो है, साथ इसका भी देना पड़ेगा।
देखकर कांटें मुकुरे क्यों हम, रास्ता यह भी चुनना पड़ेगा।।
जिंदगी आंदोलन ही तो है——————-।।
हद होती है हर बात की, हम कब तक सहे ये सितम।
या तो तुम ये जुल्म रोक दो, वरना हम भी नहीं है कम।।
जिंदगी एक जंग भी तो है, जंग हमको यह जीतना पड़ेगा।
जिंदगी आंदोलन ही तो है——————–।।
देखकर वादें हमने तुम्हारे, यह इरादा हमने किया।
ख्वाब सच्चे नजर आये हमको, साथ देने का वादा किया।।
पर्दे के पीछे के खेल को, हमको भी अब समझना पड़ेगा।
जिंदगी आंदोलन ही तो है——————-।।
वह मोहब्बत हमारी है, आप बैठे हो जिस तख्त पर।
आप देंगे धोखा इस तरहां, हमको लाकर ऐसे सड़क पर।।
जिंदगी एक सड़क ही तो है, इस राह पे भी चलना पड़ेगा।
जिंदगी आंदोलन ही तो है———————।।
दम तुझमें है वह सब लगा ले, अपनी लश्कर भी अब तू बुला ले।
गर है हिम्मत,दिखा रोक हमको, वरना हाथों में चुड़ी पहन लें।।
जिंदगी जी आजाद है, हक हमको यह छीनना पड़ेगा।
जिंदगी आंदोलन ही तो है——————–।।
साहित्यकार एवं शिक्षक-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर- 9571070847