जाड़े का इश्क़
सर्दी का इश्क $
सर्दी की रातों में
जब याद तुम्हारी आती है।
अदरक की चाय का
स्वाद जब होंठो को छूता है।
मूंगफली की खुशबु,
नथुनों में जब घुसती है।
गुड़ का मीठा
जायका जब मुंह
में लगता है।
जब बेसन में,
प्यार की अग्नि में..
पकोड़े तैरते रहते हैं।
जब चटनी बंटती है…
सिलबट्टे की मार से।
जब सर्दी की बारिश में,
रजाई का कोना गीला होता है।
तब अहसास तुम्हारा ,
होता है।
मीठी चटनी ,
और खट्टा अहसास..
तीखे तीखे से जज्बात।
और कुछ उलझे सवालात।
सर्दी की रातों में…
कुछ अहसास कानो में
गर्म हवा भरते रहते है।
उफ़ ये सर्दी का मौसम,
जब याद तुम्हारी लाता है,
यादो को पुरानी…
फिर से हरा भरा,
कर जाता है…
सर्दी का मौसम जब आता है
याद तुम्हारी लाता है…सागर