जान का नया बवाल
श्रीराम और कृष्ण के देश में
मोबाइल गेम की तीव्र चाल
बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों
सभी के जान का नया बवाल
आभासी संसार कर रहा है
सबके मानस को अति कुंद
धन और समय का नाश कर
लगा रहा है संबंधों में फफूंद
जितना जल्दी हो सके पाए यह
समाज इस बाजारु चाल से मुक्ति
वर्ना आने वाले समय में उसे ही
झेलनी पड़ेगी और भी दुर्गति
एकाकी कर यह बनाता जा रहा
मानव को उपकरणों का दास
उपकरणों से चिपककर इंसान
खोता जा संवेदना और अहसास