जाने वाला पल खुशी का लौट आयेगा
गम के काँटों में घिरा गुल मुस्कुराएगा
जाने वाला पल खुशी का लौट आयेगा
हार मत हिम्मत कदम आगे बढ़ा अब
छोड़ दे डर आस्तीनों को चढ़ा अब
दुख में भी तू गुनगुनाना सीख ले
मौत से नजरें मिलाना सीख ले
हारने की सोच ही मत जीत जायेगा
जाने वाला पल खुशी का लौट आयेगा
तोड़ दे तू दर्प पर्वत को बड़ा है
राह में बनकर के ये बाधा खड़ा है
बोल दे सागर से रस्ता छोड़ दे
चल पकड़ दरिया की धारा मोड़ दे
शक्ति अपनी जिस घड़ी पहचान जायेगा
जाने वाला पल खुशी का लौट आयेगा
खत्म कर अब बात आर या पार हो
ऐसा कुछ कर कि चमन गुलजार हो
कह दो कलियों से खिलें अब शान से
वादा रहा अपना ये हिन्दुस्तान से
ना कली कोई मसलने पायेगा
जाने वाला पल खुशी का लौट आयेगा
बिक रहा सब कुछ सजी हैं मंडियाँ
तोड़नी होगी हमें पगडंडियाँ
व्यर्थ बैठे पाओगे न कुछ कभी
आओ कर लें काम कोई तो अभी
काम से ही दुनिया में पहचान पाएगा
जाने वाला पल खुशी का लौट आयेगा
काटकर अभिमान की वो बेड़ियाँ
अब जमीं पर आओ भी प्यारे मियाँ
आसमाँ है पंक्षियो के वास्ते
अपने तो हर मार्ग पर हैं रास्ते
ऊँचा उठेगा बस वही जो सर झुकाएगा
जाने वाला पल खुशी का लौट आयेगा