****जानकी****
वसुधा के गर्भ जन्मी जानकी
जनक नरेश सप्रेम अपनाई
तात समुझि ते प्रीति लगाई
तव जनकसुता कहाई जानकी।
वैदेही,जनकतनया,जानकी
रघुनाथ संग ब्याही जानकी
शशि सम मुखआभा सी दमके
सरोज लोचनी,दिव्या जानकी।
रघुनायक संग चली छाँह सी
तव ही वनगमन भई जानकी
आयो दसानन तपस्वी बनी
हर ले गयो कुलीन जानकी।
विरह अनल सहत रही पीरा
रघुनायक बिन क्षीण सरीरा
लवकुश जननी,सिया जानकी
राघवप्रिया,जनकसुता जानकी।
दई तव ही अगिनी परीकछा
पतिव्रत धरम निभाई जानकी
परित्याग ते परमदुखी भई
तव भूधरा समाई जानकी।
✍️”कविता चौहान”
स्वरचित एवं मौलिक