Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jan 2019 · 1 min read

जादू

जादू अगर जो मेरे पास होता ।
असंभव से संभव अहसास होता ।
जब मन चाहा तो गगन नापती मैं-
सपने सच करने का विश्वास होता ।
– वेधा सिंह

Language: Hindi
263 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हुनरमंद लोग तिरस्कृत क्यों
हुनरमंद लोग तिरस्कृत क्यों
Mahender Singh
नववर्ष
नववर्ष
Mukesh Kumar Sonkar
एक नई उम्मीद
एक नई उम्मीद
Srishty Bansal
जाने किस कातिल की नज़र में हूँ
जाने किस कातिल की नज़र में हूँ
Ravi Ghayal
मन का आंगन
मन का आंगन
DR. Kaushal Kishor Shrivastava
मेरे पापा
मेरे पापा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बचपन
बचपन
Anil "Aadarsh"
2708.*पूर्णिका*
2708.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रूपमाला
रूपमाला
डॉ.सीमा अग्रवाल
जीवन जीते रहने के लिए है,
जीवन जीते रहने के लिए है,
Prof Neelam Sangwan
: काश कोई प्यार को समझ पाता
: काश कोई प्यार को समझ पाता
shabina. Naaz
दुश्मनी इस तरह निभायेगा ।
दुश्मनी इस तरह निभायेगा ।
Dr fauzia Naseem shad
देश गान
देश गान
Prakash Chandra
*कहाँ वह बात दुनिया में, जो अपने रामपुर में है【 मुक्तक 】*
*कहाँ वह बात दुनिया में, जो अपने रामपुर में है【 मुक्तक 】*
Ravi Prakash
जीवन
जीवन
Rekha Drolia
संस्कारों की रिक्तता
संस्कारों की रिक्तता
पूर्वार्थ
झील किनारे
झील किनारे
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
ਮੁੰਦਰੀ ਵਿੱਚ ਨਗ ਮਾਹੀਆ।
ਮੁੰਦਰੀ ਵਿੱਚ ਨਗ ਮਾਹੀਆ।
Surinder blackpen
"विनती बारम्बार"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरी फितरत ही बुरी है
मेरी फितरत ही बुरी है
VINOD CHAUHAN
दर्पण दिखाना नहीं है
दर्पण दिखाना नहीं है
surenderpal vaidya
नाम लिख तो दिया और मिटा भी दिया
नाम लिख तो दिया और मिटा भी दिया
SHAMA PARVEEN
दिखता अगर फ़लक पे तो हम सोचते भी कुछ
दिखता अगर फ़लक पे तो हम सोचते भी कुछ
Shweta Soni
दिन और रात-दो चरित्र
दिन और रात-दो चरित्र
Suryakant Dwivedi
आस्था
आस्था
Neeraj Agarwal
जिस प्रकार इस धरती में गुरुत्वाकर्षण समाहित है वैसे ही इंसान
जिस प्रकार इस धरती में गुरुत्वाकर्षण समाहित है वैसे ही इंसान
Rj Anand Prajapati
ये रंगा रंग ये कोतुहल                           विक्रम कु० स
ये रंगा रंग ये कोतुहल विक्रम कु० स
Vikram soni
बर्फ की चादरों को गुमां हो गया
बर्फ की चादरों को गुमां हो गया
ruby kumari
■ बे-मन की बात।।
■ बे-मन की बात।।
*Author प्रणय प्रभात*
गलतियां ही सिखाती हैं
गलतियां ही सिखाती हैं
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Loading...