*जातिवाद ने किया देश का, पूरा बंटाधार (गीत)*
जातिवाद ने किया देश का, पूरा बंटाधार (गीत)
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जातिवाद ने किया देश का, पूरा बंटाधार
1)
वोट डालने घर से निकले, वोट जाति को डाला
अपनी जाति दिखी बस सुंदर, चाहे जो घोटाला
जातिवाद के चक्कर में कब, है अच्छी सरकार
2)
अपनेपन का क्षुद्र दायरा, जातिवाद तक फैला
गले लगाते निजी जाति को, चाहे कितना मैला
रिश्ता ढूॅंढ़ा किया जाति पर, केवल तुच्छ विचार
3)
सभा और सम्मेलन सारे, हमें जाति के प्यारे
जातिवाद के लगते इनमें, सिर्फ संकुचित नारे
हमने कब सोचा यह इनसे, हुई देश की हार
जातिवाद ने किया देश का, पूरा बंटाधार
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451