जाग युवा जाग
प्रवीण कि कलम से…..
“जाग युवा जाग”
जाग युवा जाग
देख बापू कि बैटी को
भारती कि शान है,,वो
हर युवा कि प्रेरणास्त्रोत है,,वो
नाम है,”पार्वती” पवित्र मन कि है,वो
दादू को बापू नाम दिया,,
मनासा को पवित्र कर गई, वो
जोधपुर का मान है,वो
हर सैनिक कि बहन है,वो
इजरायल जा भारत का मान बढ़ाया,
हर युवा के दिलों मैं बेटी है, वो
जाग युवा जाग
देख पार्वती को जाग
कि तेरे जागने से देश जगेगा
देश जगेगा
और
हर क्षेत्र में विकास करेगा,
भ्रष्टाचार और दुराचार का
अंधियारा छंटेगा,
भारतीय संस्कृति और सभ्यता का सूरज
सारे संसार को
आलोकित करेगा,
हर क्षेत्र में भारत सबकी अगुआई करेगा.
तुम जानते हो
जब-जब
भारत का युवा जगा है
विवेकानंद का उदय हुआ है
विवेकानंद के घट में
विवेक के आनंद का उदय हुआ है
फिर
विवेकानंद ने
सबको
विवेक के आनंद से परिचित कराया है
भारतीय संस्कृति और सभ्यता से
अखिल जगत को परिचित कराया है.
तुम जानते हो
जब-जब
भारत का युवा जगा है
वीर हकीकत का उदय हुआ है
भगतसिंह का उदय हुआ है
लक्ष्मीबाई का उदय हुआ है
फिर
वीर हकीकत ने
भगतसिंह ने
लक्ष्मीबाई ने
सबको
देशभक्ति के साहस से परिचित कराया है
इसी साहस से उन्होंने
अखिल जगत को साहस का पाठ पढ़ाया है.
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_✒कवि प्रवीण प्रजापति “प्रखर”