जाग गया है हिन्दुस्तान
बदल गया समय, और जाग गया है हिन्दुस्तान !
अब इन्डिया नही, सब मिल बोलो जैहो हिन्दुस्तान!!
धर्म,जाति बन्धन से ऊपर करना है नव निर्माण !
भाई-चारे का नव इतिहास लिखेगा फ़िर हिन्दुस्तान!!
धर्म-निर्पेछ का ओढ लबादा ठगा सभी ने हमको !
हम नही वोट-बैकं किसी दल के समझा हिन्दुस्तान!!
राष्ट्र निमाण को यदि सब मिल कर काम करेंगे,
फ़िर “सोने की चिडिया’ कहलायेगा यह हिन्दुस्तान!!
वंशवाद की जो बेल कटी है,फ़िर नही पनपने देंगे,
“वसुधैव कुटुम्बकम” पर आधारित होगा हिन्दुस्तान!!
बोधि्सत्व कस्तूरिया २०२ नीरव निकुन्ज सिकन्दरा आगरा २८२००७