जाग उठ रे इंसान
जाग उठ रे इंसान,
बसा ले तू जहान,
आओ देखें हमारे चारो ओर,
कटे हुए पड़े हुए पेड़ो के छोर,
घनी बस्ती में होता हुआ शोर,
आने वाला एक अंधेरा घोर,
जाग उठ रे इंसान,
बसा ले तू जहान,
प्रकृति से होगी छेड़छाड़,
आने वाले खतरे को ताड़,
छाती छलनी लेकर खड़े पहाड़,
संभल जा रोएगा भरकर दहाड़,
जाग उठ रे इंसान,
बसा ले तू जहान,
सबको हैं जीने का अधिकार,
हमें लगता जैसे प्यारा परिवार,
पशु पक्षी भी करते प्रेम अपार ,
मूक निरीह समझ न इनको मार,
जाग उठ रे इंसान,
बसा ले तू जहान,
आओ मिलकर संकल्प करें,
पेड़ लगा धरा को हरा भरा करें,
पर्यावरण जीवन की रक्षा करें,
यह बात हम सब ध्यान धरे,
जाग उठ रे इंसान,
बसा ले तू जहान,
—-जेपीएल