जागो गुर्जर जागो
जय श्री राम
भगवान देव नारायण जी की जय
गुर्जर समाज के सभी वरिष्ठ जनो, बुद्धि जनों, गुणी जनों को सादर चरण वंदन छोटे भाई बहनों को बड़े ही प्रेम, स्नेह के साथ जय श्री राधे
बड़े हर्ष का विषय है कि हम हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी भगवान देव नारायण जयंती मनाने जा रहे है और हमेशा मनाते जायेगे
परन्तु एक सोचनीय विषय है जिस पर एकत्रित सभा में चर्चा होना जरूरी है और हमारी समाज की खातिर हमे इस विषय पर चर्चा करनी भी पड़ेगी
जरा सोचिए अभी तक हम लोगो ने अपने परिवार गांव देश समाज के लिए क्या नेक काम किए
हमारी समाज और हम लोग कितने गहरे पानी में है ये आप और हम सब लोग जानते है हम केकड़े का जाए माटी खुदोने बाली कहावत की भांति अधिकतर काम कर रहे है
दूसरों की गुलामी में
हम भगवान देव नारायण जयंती या अन्य किसी समाज के कार्यक्रम और शादी विवाहों में एकत्र तो होते है समाज के विषय में चर्चाएं भी करते है मगर पहल नहीं करते आते है, बैठते है,बाते भी करते है,आखिरी में चले जाते है
हम समाज एकता की बात करते है आज हमारा परिवार एक नहीं है भाई भाई में बटवारा , गांव गांव में पाली समाज समाज में ग्रुप वाजी ,नेता वर्ग के पीछे पीछे टोली बनाकर घूमना यही हमारी सच्चाई है इन बातो पर विचार कीजिए भाई
हम कहते है हमारा सामज और देश आगे बढ़ रहा है मेरा यह मानना है कि हम आगे नहीं पीछे की ओर अर्थात पतन की ओर जा रहे है आने वाली कुछ सालो में हम हमारा परिवार और हमारी समाज कटोरा लेकर घूमने की कगार पर है
जागो गुर्जर जागो
हम धीर वीर और गम्भीर है
भगवान शिव और लक्ष्मण की संतान है
जिनके क्रोध से धरती पर प्रलय अा जाता था
जरा सोचिए
हमारी समाज आप और हम लोगो के पास कुछ ही बर्षो पहले 100-100 एकड़ जमीन थी आप पांच पांच एकड़ नहीं अा रही हमारी समाज के लड़के कुंआरे घूम रहे है और हम लोग एक दूसरे की टांग खीचने में लगे है बेरोजगार घूमकर बड़ी बड़ी बातें कर रहे है माता पिता के पैसों पर यश कर रहे है क्या यही हमारी समाज की वास्तविक सच्चाई और संस्कृति है
हमारी गुर्जर समाज की पहचान पहनावा संस्कृति आचार विचार रहन सहन रीति रिवाज समाप्त होने की कगार पर है जिन्हे वापिस लाना होगा
आप अन्य समाजों को देखिए कहां से कहां पहुंच गई और हम कहां है वही के वही दसवीं और बाहरवी फैल अनपढ़ ,असहाय बेरोजगार किसान के सुपुत्र जो घर के है ना घांट के
ऐसी बहुत सी समस्याएं है जो अनगिनत है जिन्हे आप और हम सभी जानते है इन समस्याओं का हल केवल एक ही है
उचित शिक्षा
हमे प्रतिज्ञा लेनी होगी कि हम हमारी आने वाली पीढ़ी को कुछ दे या ना दे पर शिक्षा और संस्कार जरूर देंगे
नौकरी लगे या न लगे पर व्यापार जरूर देंगे हर शहर हर गांव हर गली में रोजगार की लहर जागे कम से कम एक परिवार में एक दुकान जरूर हो (छोटी हो या बड़ी)
हम नौकरी के पीछे नहीं नौकरी हमारे पीछे भागे
ऐसे साहसी और निपुण बनाएंगे
नेता नहीं पढ़ा लिखा कर एक उद्यमी और सम्पन्न कृषक पुत्र बनायेगे
इन्हीं शब्दों के साथ
हमारी आन है गुर्जर हमारी जान है गुर्जर
भभकती रक्त की ज्वाला यही पहचान है गुर्जर
जय देव नारायण
जय श्री राधे
✍️ आपका अपना कृष्णकांत गुर्जर