जागेगा अवाम
वक्त करवट ले रहा
कर रहा यह ऐलान
ये अंधेरा अब खत्म
होगा जागेगा अवाम
कुछ लोग लोकतंत्र का
उड़ा रहे खुला उपहास
उनको भी अहसास हो
चला, बदलेगा इतिहास
लोकतंत्र में जनता होती
सत्ता का भाग्य विधाता
पांच साल में वही लिखती
सब नेताओं का बहीखाता
जैसे जैसे नजदीक आ रही
लोकसभा चुनाव की बेला
सक्रिय होने लगा है सभी
राजनीतिक दलों का तबेला
हे ईश्वर मेरे देश के लोगों
को देना सद्बुद्धि का दान
सही सरकार के चयन को
करें सन्मति से वो मतदान