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Santosh Shrivastava
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16 May 2024 · 1 min read
ज़िन्दगी के
ज़िन्दगी के
ताने बाने
कुछ सुलझे
कुछ उलझे
निकला जो
राह पर
पहुँचा वही
मुकाम तक
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