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27 Sep 2024 · 1 min read

ज़िंदगी पर यक़ीन आ जाता ,

ज़िंदगी पर यक़ीन आ जाता ,
मौत का गर हमें ख़्याल न हो।
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद

1 Like · 48 Views
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