उपदेशक
क्या कभी यह भी सोचा तुमने
क्यों मरा करते मरने वाले!
सांसों पर लगाकर पाबंदी
जीने की नसीहत करने वाले!!
अल्लाह, जन्नत और फरिश्तों की
अब देंगे दुहाई किस मुंह से!
अमरीत के झांसे दे-देकर
ज़िंदगी में ज़हर भरने वाले!!
Shekhar Chandra Mitra
#राजनीतिककविता #चुनाव
#DalitLivesMatter