ज़रूरी थोड़ी है
जो सच्चा है अच्छा भी हो यार ज़रूरी थोड़ी है
यानी अच्छा सच्चा भी हो यार ज़रूरी थोड़ी है
जाने कितनी सोचों का है मरकज़ इंसानों का दिमाग़
जो तन्हा है तन्हा भी हो यार ज़रूरी थोड़ी है
ख़ूब तबीबों ने कर ली है आज तरक़्क़ी, लेकिन सच
हर इक मरज़ का नुस्ख़ा भी हो यार ज़रूरी थोड़ी है
कुन-फ़यकून के जादू को तो एक ख़ुदा ही जाने बस
राज ख़ुदा का इफ़्शा भी हो यार ज़रूरी थोड़ी है
इश्क़ की पेटी में ग़म ज़िल्लत ख़लवत कसक सभी मिलते
लेकिन वस्ल का सिक्का भी हो यार ज़रूरी थोड़ी है
मेरी मोहब्ब्त तेरी दुल्हन हो बैठी लेकिन तेरा
रूह पे उसकी क़ब्ज़ा भी हो यार ज़रूरी थोड़ी है
राँझे मजनूँ जैसी शोहरत सब पाएँ, यह नामुमकिन
सब के इश्क़ का चर्चा भी हो यार ज़रूरी थोड़ी है
बह्र से ख़ारिज है हर मिसरा कहने वाले सुन ले तू
‘इल्म-ए-‘अरूज़ में पुख़्ता भी हो यार ज़रूरी थोड़ी है
सिगरेट के कश भर-भर कर तो साहिल ग़ज़लें हो जाएँ
लेकिन सब में मक़्ता’ भी हो यार ज़रूरी थोड़ी है