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5 Aug 2023 · 1 min read

ज़माने की बुराई से खुद को बचाना बेहतर

घोर अंधेरा हो तो एक दिया जलाना बेहतर
ज़माने की बुराई से खुद को बचाना बेहतर

जिम्मेदारियों के बोझ से बाहर निकलकर
झमाझम बारिश में बेफिक्र नहाना बेहतर

आये दिन कोई न कोई जिया जला जाये
खुद और खुद के लिए हंसना हंसाना बेहतर

जब गुजरने लगे मुश्किल के दौर से
जहां के मालिक से उम्मीद लगाना बेहतर

एक- एक करके जब सब साथ छोड़ने लगे
त्यागियों को याद कर खुद को समझाना बेहतर

समय के चक्र को कोई रोक नहीं सकता
जो बात दिल को लगे उसे भूलना बेहतर।

मेहनत कर जीत हासिल करते रहिए,
पर कभी-कभी औरों के लिए हारना बेहतर।

समझदार हैं, सर के ताज हैं क्या कहने,
कभी-कभार बच्चों की तरह बिरझाना बेहतर

नूर फातिमा खातून” नूरी”
जनपद -कुशीनगर
उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
228 Views

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