Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Feb 2023 · 1 min read

ज़ख्म सिल दो मेरा

एक ज़ख्म सिल दो मेरा, नासूर बन गया है।
करके वादा न निभाना, दस्तूर बन गया है।

किसी के दिल का दर्द,समझता है यहां कौन
रातों को उठ उठ कर रोना, फितूर बन गया है।

बेवफाई के किस्से, दुनिया से छिपाये हम कैसे
इश्क़ मेरे का एक एक पल, मशहूर बन गया है।

हर शख्स सजायाफ्ता,हर शख्स कैद में है
गुनाह न करना भी यहां,कसूर बन गया है।

सुरिंदर कौर

Language: Hindi
183 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Surinder blackpen
View all
You may also like:
बाँधो न नाव इस ठाँव, बंधु!
बाँधो न नाव इस ठाँव, बंधु!
Rituraj shivem verma
विक्रमादित्य के बत्तीस गुण
विक्रमादित्य के बत्तीस गुण
Vijay Nagar
4473.*पूर्णिका*
4473.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*सैनिक (सिंह विलोकित घनाक्षरी छंद)*
*सैनिक (सिंह विलोकित घनाक्षरी छंद)*
Ravi Prakash
सत्य की खोज
सत्य की खोज
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
सपनों को दिल में लिए,
सपनों को दिल में लिए,
Yogendra Chaturwedi
कलयुगी संसार
कलयुगी संसार
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
ये  दुनियाँ है  बाबुल का घर
ये दुनियाँ है बाबुल का घर
Sushmita Singh
जबकि मैं लोगों को सिखाता हूँ जीना
जबकि मैं लोगों को सिखाता हूँ जीना
gurudeenverma198
दीवारों में खो गए,
दीवारों में खो गए,
sushil sarna
शरीफ कम, समझदार ज्यादा हो गए हैं लोग ll मजबूर कम, मक्कार ज्य
शरीफ कम, समझदार ज्यादा हो गए हैं लोग ll मजबूर कम, मक्कार ज्य
पूर्वार्थ
तन्हाई को जीते जीते
तन्हाई को जीते जीते
हिमांशु Kulshrestha
क्या चरित्र क्या चेहरा देखें क्या बतलाएं चाल?
क्या चरित्र क्या चेहरा देखें क्या बतलाएं चाल?
*प्रणय प्रभात*
काल का पता नही कब आए,
काल का पता नही कब आए,
Umender kumar
जो मन से ही बेहद कमजोर होगा,
जो मन से ही बेहद कमजोर होगा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तू मुझको संभालेगी क्या जिंदगी
तू मुझको संभालेगी क्या जिंदगी
कृष्णकांत गुर्जर
बाल कविता: नदी
बाल कविता: नदी
Rajesh Kumar Arjun
Fantasies are common in this mystical world,
Fantasies are common in this mystical world,
Chaahat
आई आंधी ले गई, सबके यहां मचान।
आई आंधी ले गई, सबके यहां मचान।
Suryakant Dwivedi
इम्तहान दे कर थक गया , मैं इस जमाने को ,
इम्तहान दे कर थक गया , मैं इस जमाने को ,
Neeraj Mishra " नीर "
नवरात्रि के इस पावन मौके पर, मां दुर्गा के आगमन का खुशियों स
नवरात्रि के इस पावन मौके पर, मां दुर्गा के आगमन का खुशियों स
Sahil Ahmad
तेजधार तलवार से, लड़कियों के चक्कर से, जासूसों और चुगलखोर से
तेजधार तलवार से, लड़कियों के चक्कर से, जासूसों और चुगलखोर से
Rj Anand Prajapati
लंका दहन
लंका दहन
Paras Nath Jha
"तू है तो"
Dr. Kishan tandon kranti
🥀*✍अज्ञानी की*🥀
🥀*✍अज्ञानी की*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
धुप सी शक्ल में वो बारिश की बुंदें
धुप सी शक्ल में वो बारिश की बुंदें
©️ दामिनी नारायण सिंह
नर से नारायण
नर से नारायण
Pratibha Pandey
# 𑒫𑒱𑒔𑒰𑒩
# 𑒫𑒱𑒔𑒰𑒩
DrLakshman Jha Parimal
शतरंज
शतरंज
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
मैं तो अंहकार आँव
मैं तो अंहकार आँव
Lakhan Yadav
Loading...