Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Oct 2024 · 1 min read

ज़ख्म आज भी

ज़ख्म आज भी
बहुत गहरे हैं दिल में
मगर हम उनसे
कोई गिला नहीं रखते

हिमांशु Kulshrestha

47 Views

You may also like these posts

***
*** " ये दरारों पर मेरी नाव.....! " ***
VEDANTA PATEL
वह कहते हैं, बच कर रहिए नज़र लग जाएगी,
वह कहते हैं, बच कर रहिए नज़र लग जाएगी,
Anand Kumar
बरसात
बरसात
Ashwani Kumar Jaiswal
तू याद कर
तू याद कर
Shekhar Chandra Mitra
अगर तूँ यूँहीं बस डरती रहेगी
अगर तूँ यूँहीं बस डरती रहेगी
सिद्धार्थ गोरखपुरी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
कहां याद कर पाते हैं
कहां याद कर पाते हैं
शिवम राव मणि
आंख अपनी चुराना नहीं चाहिए।
आंख अपनी चुराना नहीं चाहिए।
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
"यक्ष प्रश्न है पूछता, धर्मराज है मौन।
*प्रणय*
परिवर्तन
परिवर्तन
महेश चन्द्र त्रिपाठी
बेवफाई
बेवफाई
एकांत
विषय-अर्ध भगीरथ।
विषय-अर्ध भगीरथ।
Priya princess panwar
अमर शहीदों के चरणों में, कोटि-कोटि प्रणाम
अमर शहीदों के चरणों में, कोटि-कोटि प्रणाम
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
शिकायतों के अंबार
शिकायतों के अंबार
Surinder blackpen
वेयरहाउस में सड़ गया
वेयरहाउस में सड़ गया
Dhirendra Singh
बिना काविश तो कोई भी खुशी आने से रही। ख्वाहिश ए नफ़्स कभी आगे बढ़ाने से रही। ❤️ ख्वाहिशें लज्ज़त ए दीदार जवां है अब तक। उस से मिलने की तमन्ना तो ज़माने से रही। ❤️
बिना काविश तो कोई भी खुशी आने से रही। ख्वाहिश ए नफ़्स कभी आगे बढ़ाने से रही। ❤️ ख्वाहिशें लज्ज़त ए दीदार जवां है अब तक। उस से मिलने की तमन्ना तो ज़माने से रही। ❤️
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
कुछ यूं जिंदगी की मौज लिए जा रही हूं,
कुछ यूं जिंदगी की मौज लिए जा रही हूं,
Jyoti Roshni
नये साल के नये हिसाब
नये साल के नये हिसाब
Preeti Sharma Aseem
1,सदा रखेंगे मान गर्व से ये सर उठा रहा।
1,सदा रखेंगे मान गर्व से ये सर उठा रहा।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मनवा मन की कब सुने,
मनवा मन की कब सुने,
sushil sarna
"वायदे"
Dr. Kishan tandon kranti
कानून अपना काम करेगा
कानून अपना काम करेगा
Khajan Singh Nain
बच्चे मन के सच्चे। ( Happy Children's day)
बच्चे मन के सच्चे। ( Happy Children's day)
Rj Anand Prajapati
ये उम्र के निशाँ नहीं दर्द की लकीरें हैं
ये उम्र के निशाँ नहीं दर्द की लकीरें हैं
Atul "Krishn"
बात अच्छी है बस अमीरी की,
बात अच्छी है बस अमीरी की,
Dr fauzia Naseem shad
* वर्षा ऋतु *
* वर्षा ऋतु *
surenderpal vaidya
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
kavita
kavita
Rambali Mishra
Loading...