*जहॉं पर हारना तय था, वहॉं हम जीत जाते हैं (हिंदी गजल)*
जहॉं पर हारना तय था, वहॉं हम जीत जाते हैं (हिंदी गजल)
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1)
जहॉं पर हारना तय था, वहॉं हम जीत जाते हैं
सितारे भाग्य के हमको, जिताते हैं हराते हैं
2)
मिलन है भाग्य में जिससे, लिखा जितना नियति ने है
भले रोके जमाना-भर, सितारे पर मिलाते हैं
3)
किसी ने देवताओं को, नहीं देखा मगर फिर भी
सुकोमल और सज्जन एक, छवि उनकी बनाते हैं
4)
हृदय की भावनाओं को, न रोको तो ही अच्छा है
भरेंगे बॉंध यदि ज्यादा, तबाही फिर मचाते हैं
5)
जगत में मृत्यु-जीवन क्रम, सदा से ही सुनिश्चित है
चले जाते पुराने हैं, नए फिर लोग आते हैं
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451