जश्न मनाए आजादी का
आओ मिल जश्न मनाए आजादी का
आवश्यकता है मान रखे खादी का
सात दशक बीत चुके है स्वतंत्र हुए
जरा विचारिए कितने सीने छलनी हुए
आजाद , भगत , राजगुरु की कुर्बानी
बड़े हुए है सुन कर बुजुर्गों की जुबानी
इसलिए मान रखिए उनके लहू का
क्योंकि स्वर्ग बैठे देखे मोल उन्मादी का
आओ मिल जश्न मनाए आजादी का
विश्वपटल लहराया झण्डा शौर्य विजय का
ध्यान रखिए डिग न पाए ईमान ध्वज का
देखी है हमने पडोसियों की तानाशाही
वो भी मुँह की खा हो गये है धराशायी
इसलिए मान रखिए सब भारत माँ का
नहीं तो जीना मुश्किल होगा आबादी का
आओ मिल जश्न मनाए आजादी का
खुली हवा में सांस ले करे अपने मन की
अधिकारों को पाने की लालसा हो जन की
लोकतंत्र में हर किसी के लिए हो रोजगार
बस इसी में है अपनी स्वतंत्रता का सार
न हो फिर से गुलाम अपनी भारत माता
नहीं तो वतन की अपनी होगी बर्बादी
आओ मिल जश्न मनाए आजादी का