Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 May 2024 · 1 min read

जवाब के इन्तजार में हूँ

#दिनांक:-5/5/2024
#शीर्षक:-जवाब के इन्तजार में हूँ।

सवालात के हवालात में कैद कर दिए गए,
बिना जुर्म जाने मुजरिम करार कर दिए गए ।
लगा ग्रहण एक अनोखे अनाम रिश्ते को,
गलतफहमी में गलत निर्णय कर लिए गए।

सहजता सरलता से मिलनसार हुए ,
दिमाग का मेल दिल बेकरार हुए।
अभिन्नता जान पडी मन को मन में,
धीरे-धीरे जीवन के सुकून करार हुए।
क्या ही कुछ हुआ इस तरह कि,
भरोसे की चरमसीमा से उतार दिए गए

याद ही नहीं फरियाद करती हूँ हर पल,
बहना चाहती हूँ अब भी तुझमें कल-कल।
कैसे बताऊँ घेरे रहता मुझे मेरा बेरंग जीवन,
अभी आशावान हूँ तुम आओगे जरूर कल!
क्या सोचकर क्यूँ चुप्पी साध गए हो ?
संतोषी बनाकर असंतोषजनक करार किए गए।

मुस्कान लौट आई थी अधरों पर यारा,
सुखद एहसास में खुद को पुनः संवारा।
हरेक गलती क्षम्य होती गई दिन-ब-दिन ,
इतना प्रभावित किया कोई होकर हमारा।
जबाव के इंतजार में हूँ अभी भी प्रियवर,
सवाल का न आना भी जवाब धार किए गए।

(स्वरचित)
प्रतिभा पाण्डेय “प्रति”
चेन्नई

Language: Hindi
2 Likes · 103 Views

You may also like these posts

You call out
You call out
Bidyadhar Mantry
आवारा परिंदा
आवारा परिंदा
साहित्य गौरव
एक लम्हा भी
एक लम्हा भी
Dr fauzia Naseem shad
दोहा पंचक . . . .
दोहा पंचक . . . .
sushil sarna
माना मैं उसके घर नहीं जाता,
माना मैं उसके घर नहीं जाता,
डी. के. निवातिया
पहले जो मेरा यार था वो अब नहीं रहा।
पहले जो मेरा यार था वो अब नहीं रहा।
सत्य कुमार प्रेमी
मुझे लगा कि तुम्हारे लिए मैं विशेष हूं ,
मुझे लगा कि तुम्हारे लिए मैं विशेष हूं ,
Manju sagar
मिन्नते की थी उनकी
मिन्नते की थी उनकी
Chitra Bisht
चूल्हे की रोटी
चूल्हे की रोटी
Sudhir srivastava
रंगत मेरी बनी अभिशाप
रंगत मेरी बनी अभिशाप
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
फूल यूहीं खिला नहीं करते कलियों में बीज को दफ़्न होना पड़ता
फूल यूहीं खिला नहीं करते कलियों में बीज को दफ़्न होना पड़ता
Lokesh Sharma
बिन बोले सब बयान हो जाता है
बिन बोले सब बयान हो जाता है
रुचि शर्मा
घना शोर था
घना शोर था
Seema gupta,Alwar
और कितना सताएगी
और कितना सताएगी
Meenakshi Bhatnagar
3268.*पूर्णिका*
3268.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
लिये मनुज अवतार प्रकट हुये हरि जेलों में।
लिये मनुज अवतार प्रकट हुये हरि जेलों में।
कार्तिक नितिन शर्मा
जज्बात
जज्बात
Mamta Rani
झरते फूल मोहब्ब्त के
झरते फूल मोहब्ब्त के
Arvina
"ले जाते"
Dr. Kishan tandon kranti
*सभी के साथ सामंजस्य, बैठाना जरूरी है (हिंदी गजल)*
*सभी के साथ सामंजस्य, बैठाना जरूरी है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
वसंत आगमन
वसंत आगमन
SURYA PRAKASH SHARMA
विडंबना
विडंबना
Shyam Sundar Subramanian
शहीदों के लिए (कविता)
शहीदों के लिए (कविता)
गुमनाम 'बाबा'
मीठी वाणी
मीठी वाणी
Kavita Chouhan
गर्मी बहुत पड़ी है तो जाड़े भी आएगें
गर्मी बहुत पड़ी है तो जाड़े भी आएगें
Dr. Sunita Singh
जो लोग कर्म पर ध्यान न देकर केवल मुंगेरी लाल के हसीन सपने दे
जो लोग कर्म पर ध्यान न देकर केवल मुंगेरी लाल के हसीन सपने दे
Rj Anand Prajapati
जिंदगी भी आजकल
जिंदगी भी आजकल
हिमांशु Kulshrestha
सुदामा कृष्ण के द्वार
सुदामा कृष्ण के द्वार
Vivek Ahuja
कल
कल "धनतेरस" पर घोर मंहगाई के बाद भी मैंने "सोने" की पांच चीज़
*प्रणय*
उलझी हुई है जुल्फ
उलझी हुई है जुल्फ
SHAMA PARVEEN
Loading...