जवान और किसान
जय जवान और जय किसान
का नारा सबसे प्यारा
दोनों ही हम सबके रक्षक
ऐसा हिंदुस्तान हमारा
एक करे सरहद की रक्षा
दूजा करे जीवन की रक्षा
जवान को हिम की ठंडी सता न सके
मरु की तपती धरती झुलसा न सके
गहरा भयंकर सागर डरा न सके
उच्च गगन कभी थका न सके
किसान को ठंडी में ठिठुरन न सताए
लू से भरी दुपहरी भी उसे न डराए
घनघोर वर्षा में तो उसे आनंद आए
साल के हर मौसम में वह खेत जाए
दोनों अपने कर्तव्य पथ पर निरंतर चलें
पर कभी न थकें
एक सीमा पर कुर्बान जाए
दूजा कर्ज से प्राण गंवाए
हर नागरिक व सरकार की है जिम्मेदारी
व्यर्थ न जाने पाए अनमोल थाती हमारी
ओम् हमें है इन दोनों पर अभिमान
देते रहें सदा इन दोनों को सम्मान
ओमप्रकाश भारती ओम्
बालाघाट मध्यप्रदेश