जल प्रबंधन- एक जरूरत
हर बरसात में देश के अधिकांश इलाकों चाहे वह शहर या ग्रामीण हो, की सड़कें या तो दरिया बन जाती हैं या कीचड़ और कीचड से भरे गड्ढों में तब्दील हो जाती है । जहां से पैदल चलना “काले पानी की सजा” जैसा लगता है । थोड़े दिन हो हल्ला मचता है , “बैचारी बरसात चली जाती है ” और संबंधित व्यक्ति , जनप्रतिनिधि, एजेंसी , अधिकारी
” मुसीबत टली अगले साल फिर देखेंगे” सोच कर
मामला ठंडे बस्ते में डाल देते है जो कि गलत है । अगर साल भर सडकों का रखरखाव मरम्मत क्रमबद्ध तरीके से किया जाए तो बरसात में ऐसे हालात नहीं बनें ।
यही हाल बाढ़ के बनते हैं । जिससे जन धन का नुकसान
होता है । जल निकासी एरिया से अतिक्रमण हटाना और जल प्रबंधन आज की महती आवश्यकता है। जल संजोग कर उसका उपयोग ऊर्जा, सिंचाई, पेय जल , उद्योग आदि और आगामी वर्षों में जल आवश्यकता हेतु किया जा सकता है ।
“”जल है तो जीवन है वरना सब सूना है “”
स्वलिखित लेखक
संतोष श्रीवास्तव भोपाल